प्रांत संघ संचालक जिंदल ने किया युवाओं से राष्ट्र विकास में अपना योगदान देने का आह्वान।
Girish Saini Reports
रोहतक। प्रकृति के हिसाब से भारत दुनिया का श्रेष्ठ देश है। भारत विश्व गुरु बनने की तरफ अग्रसर है। आज देश के विकास को गति देने की जरूरत है। युवा देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य का निर्वहन करते हुए राष्ट्र विकास में अपना योगदान दें। यह आह्वान प्रतिष्ठित विचारक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ संचालक पवन जिंदल ने सोमवार को एमडीयू में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय एकता शिविर में एनएसएस स्वयंसेवकों से किया। बतौर मुख्य अतिथि पवन जिंदल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि देश पहले विश्व गुरु के आसन पर विराजमान था। विदेशों से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने भारत आते थे। आज फिर से उस ऊंचाई को प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में युवाओं की भूमिका एवं योगदान महत्त्वपूर्ण है। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि कक्षा में मिले ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता शिविर जैसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को एक-दूसरे को जानने-समझने का मौका देते हैं। साथ ही टीम वर्क की भावना को मजबूत करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी सॉफ्ट स्किल्स तथा लाइफ स्किल्स को विकसित करने की बात कही। अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रो. राजकुमार ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। खेल निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ढुल ने एमडीयू की खेल उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए एनएसएस स्वयंसेवकों को जीवन में खेल की महत्ता से अवगत करवाया। मंच संचालन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सोनू देहमीवाल ने किया। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी अतुल पटेल ने आभार प्रदर्शन किया। इस मौके पर शिविर में भाग ले रहे विभिन्न राज्यों के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी तथा स्वयंसेवक मौजूद रहे।