व्यवसाय एवं प्रबंधन पर 15वां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न
Girish Saini Reports

हिसार। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के सौजन्य से -व्यवसाय एवं प्रबंधन विषय पर 15वां दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में 25 तकनीकी सत्रों के माध्यम से 200 से भी अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की। सम्मेलन में 50 से भी अधिक विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों व शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया। देश के विभिन्न राज्यों से 150 शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। इनमें से 58 उच्चतम गुणवत्ता के शोध पत्रों को एक कॉन्फ्रेंस एडिटेड बुक के रूप में प्रकाशित किया गया है। हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस व इस सम्मेलन के निदेशक प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई ने बताया कि प्रतिभागियों को व्यवसाय एवं प्रबंधन विषय पर नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गई। साथ ही उद्योगों की जरूरत व समाज की अपेक्षाओं के मद्देनजर व्यवसायिक प्रबंधन में शोध के नये विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। विभाग के डीन व सम्मेलन के उपनिदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल ने बताया कि सम्मेलन में शोधार्थियों ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स, अंतरराष्ट्रीय व्यापार व सर्विस सेक्टर पर नए-नए विचार प्रस्तुत किए। सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण विषय स्टार्टअप्स : चैलेंजेज एंड रोड अहेड पर विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों ने चर्चा की। पैनल डिस्कशन में लीड-मेरकंडईजर व ऑपरेशन्स, फैक्ट्री हेड सौरभ कालरा, जय भारत गम एंड केमिकल्स लिमिटेड के सीईओ अर्जुन केडिया व विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. एन.के. बिश्नोई मौजूद रहे। सौरभ कालरा ने शार्क टैंक, जो कि एक बिजनेस आइडिया आधारित रियलिटी शो है, का उदाहरण देते हुए बताया कि अब देश के छोटे-छोटे शहरों और गांव से भी लोग नए बिजनेस आइडियाज सामने ला रहे हैं और उनको फंडिंग भी मिल रही है। स्टार्टअप विशेषज्ञ अर्जुन केडिया ने वर्तमान परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए बताया कि किसी भी आइडिया को बिजनेस में बदलने के लिए आइडिया की विशेषता, स्केलेबिलिटी, सप्लाई चैन व सरकारी नियम जैसे बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रो. एन.के. बिश्नोई ने बताया कि हमें ये देखना चाहिए कि कितने नए स्टार्टअप रजिस्टर हुए और उनमें से कितने आज की गला काट प्रतियोगिता में सफल रहे। सम्मेलन के संयोजक डॉ. सुरेश भाकर व डॉ. विजेंद्र पाल सैनी ने बताया कि सम्मेलन के विभिन्न तकनीकी सत्रों में प्रो. शबनम सक्सेना, प्रो. सुनीता रानी, प्रो. गुरुचरण सिंह, डॉ. कविता चौहान, प्रो. अतुल ढींगड़ा, प्रो. सत्यवान बरोड़ा, प्रो. मंजीत सिंह, प्रो. लक्ष्मी मलोडिया, प्रो. एस.सी कुंडू, प्रो. सुनीता भरतवाल, प्रो. अमित मित्तल, डॉ राकेश शाहनी, प्रो. संदीप राणा, प्रो. निर्मला चौधरी, प्रो. एच.एल. वर्मा, प्रो. एम.एस. तुरान व प्रो. अनिल खुराना मौजूद रहे।