जीजेयू में पेटेंट पर वेबिनार आयोजित।

Girish Saini Reports

जीजेयू में पेटेंट पर वेबिनार आयोजित।

हिसार। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट पार्टनरशिप के सौजन्य से रिसर्च आइडियाज टुवार्ड्स पेटेंट विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा उपस्थित रहे। भारत सरकार के पेटेंट डिजाइन एंड ट्रेडमार्क विभाग के उपनियंत्रक समीर कुमार स्वरूप वेबिनार के मुख्य वक्ता थे। केंद्रीय कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्रालय के पेटेंट कार्यालय के पेटेंट एवं डिजाइन परीक्षक शैलेंद्र सिंह व योगेश सचन ने वक्ताओं के रूप में वेबिनार में भाग लिया। सेंटर के निदेशक प्रो. एच.सी. गर्ग व उपनिदेशक प्रो. दीपक केडिया ने वेबिनार का समन्वय किया। कुलपति प्रो. बलदेव राज कंबोज ने कहा कि वैश्वीकरण में तेजी से वृद्धि और भारत में नई संभावनाओं के बनने के साथ, बौद्धिक पूंजी वर्तमान युग में प्रमुख धन चालकों में से एक बन गई है। देश में नवाचार की संस्कृति केंद्र में आ रही है। भारत अनुसंधान एवं विकास व नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पूर्णतया तैयार है। इसे शैक्षणिक दृष्टिकोण में बढ़ते परिष्कार के साथ स्कूल व विश्वविद्यालय स्तर पर शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने इस संगोष्ठी के माध्यम से अनुसंधान विद्वानों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सेंटर फॉर इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट पार्टनरशिप के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनके शोध विचारों को भारत में पेटेंट कराया जा सकता है। मुख्य वक्ता समीर कुमार स्वरूप ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों में शिक्षण व प्रशिक्षण सभी विषयों, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, अनुप्रयुक्त विज्ञान, अर्थशास्त्र, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान तथा यहां तक कि साहित्य तक फैला होना चाहिए। वक्ता शैलेंद्र सिंह ने पेटेंट खोज व विश्लेषण, शुरुआती लोगों के लिए पेटेंट ड्राफ्टिंग, पेटेंट योग्य विषय वस्तु, पेटेंट निर्माण के लिए रोडमैप, कब प्रकाशित करना है और कब पेटेंट कराना है, पर प्रकाश डाला। वक्ता योगेश सचन ने कहा कि शोधकर्ताओं को आईपीआर के अत्यधिक महत्व को महसूस करने और अपने आईपीआर की सुरक्षा के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। निदेशक प्रो. एच.सी. गर्ग ने अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि इस वेबिनार का आयोजन प्रतिभागियों को जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया है। इससे उनका शोध विचार एक मूल्यवान आविष्कार का प्रारंभिक बिंदु हो सकता है। यदि इसे पेटेंट द्वारा संरक्षित किया जाता है, तो इसका परिणाम लाभ व वित्तीय लाभ हो सकता है। उन्होंने साझा किया कि हमारे विश्वविद्यालय को 12 पेटेंट दिए गए हैं, 11 पेटेंट जांच के अधीन हैं, 07 पेटेंट प्रकाशित किए गए हैं तथा 02 पेटेंट हाल ही में दायर किए गए हैं। उपनिदेशक प्रो. दीपक केडिया ने धन्यवाद प्रस्ताव किया। उन्होंने बताया कि वेबिनार में 125 प्रतिभागियों ने भाग लिया।