एनईपी 2020 उच्चतर शिक्षा के प्रतिमान परिवर्तन का नायाब अवसर है: कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

Girish Saini Reports

एनईपी 2020 उच्चतर शिक्षा के प्रतिमान परिवर्तन का नायाब अवसर है: कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक। भारत की नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) राष्ट्र के शैक्षणिक परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आएगी। इस शिक्षा नीति में मल्टी डिसीप्लीनरी एप्रोच इसकी विशेषता है। जरूरत है कि क्रेडिट ट्रांसफर जैसी व्यवस्था की टैक्नोलाजी के जरिए शिक्षा प्रणाली में एकीकृत की जाए। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने ये उद्गार नेशनल एकेडमिक डिपोजटरी (एनएडी) तथा एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिटर्स (एबीसी) विषयक कार्यशाला में अध्यक्षीय भाषण देते हुए व्यक्त किए। एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों पर है। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 उच्चतर शिक्षा के प्रतिमान परिवर्तन का नायाब अवसर है। जरूरत है कि टेक्नोलोजी एनेब्लड सोल्यूशन्ज के जरिए एनएडी तथा एबीसी को सफल बनाया जाए। एमडीयू के डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि एनईपी 2020 के जरिए विद्यार्थियों को प्रदत्त किए जाने वाले ज्ञान को सृजनशीलता में बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एनईपी के तहत विद्यार्थियों से ज्ञान अर्जन, कौशल विकास तथा व्यवहार कुशलता का सृजन करना होगा। निदेशक, सेंटर फॉर करीकुलम, डिजाइन एण्ड डेवलपमेंट प्रो. ए.के. राजन ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) बारे प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एबीसी की व्यवस्था नई शिक्षा नीति को विशिष्टता प्रदान करती है। भारत सरकार के इलैक्ट्रानिक्स एण्ड इंफोर्मेशन टैक्नोलोजी के नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन में एनएडी तथा एबीसी के क्षेत्रीय समन्वयक शुभम शर्मा ने नेशनल एकेडमिक डिपोजटरी तथा एकेडमिक बैंक ऑफ एनएडी बारे विस्तृत जानकारी दी। शुभम शर्मा ने कहा कि एनएडी तथा एबीसी पेपर लैस गवर्नेंस के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है। हरियाणा सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग के उप निदेशक डा. ब्रजपाल सिंह ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को सफल बनाने के लिए शिक्षक वर्ग का विशेष दायित्त्व है। एमडीयू के नोडल अफसर, एबीसी प्रो. नसीब सिंह गिल ने बताया कि एमडीयू ने सन् 2015 से 2020 तक की एक लाख पैंतालिस हजार अंक तालिकाएं एमएडी पर अपलोड कर दी है। प्रो. गिल ने बताया कि आईसीटी टूल्ज के जरिए भविष्य में टीचिंग-लर्निंग का नया प्रतिमान रचा जाएगा। एनएडी तथा एबीसी के राष्ट्रीय समन्वयक गौरव खरे, बिजनैस एनालिस्ट अभिनव शर्मा तथा सहायक प्रबंधक दीप्ति झा ने एनएडी तथा एबीसी बारे विस्तृत जानकारी सांझा की। आभार प्रदर्शन निदेशक आईक्यूएसी प्रो. बी. नरसिम्हन ने किया। प्रो. नरसिम्हन ने कहा कि एमडीयू एनईपी 2020 के क्रियान्वयन के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रहा है। प्रो. नसीब सिंह गिल ने सार संकलन किया। डीएचई हरियाणा, नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन, भारत सरकार तथा एमडीयू के इंटर्नल क्वालिटी एस्युरेंस सैल के संयुक्त तत्वावधान में इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। हरियाणा के विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।