शाहरुख ने दुआ पढ़कर लता जी को दी अंतिम विदाई तो उठे सवाल
न्यूज़ डेस्क रिपोर्ट
नई दिल्ली: मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने कल अपनी आंखिरी सांस ली. कल 92 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. कल लता मंगेशकर को अंतिम विदाई देने के लिए शिवाजी पार्क में कई बड़ी-बड़ी हस्तियां मौजूद रही.
शाहरुख खान भी लता जी के आखिरी दर्शन पहुंचे थे. शाहरुख अपने धर्म के मुताबिक लता जी के पार्थिव शरीर को विदा कर रहे थे तो उसी समय का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. कई लोगों ने यह सवाल उठाया है कि क्या शाहरुख इस दौरान थूक रहे हैं? इस को लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है.
क्या है पूरा सच
कल शिवाजी पार्क में शाहरुख खान अपनी पत्नी गौरी खान के साथ लता मंगेशकर का अंतिम विदाई देने पहुंचे थे जहां उन्हें मुस्लिम धर्म के मुताबिक दुआ पढ़ते हुए देखा गया जिसके बाद उन्होंने परंपरा के अनुसार फूंका( हवा दी) जिसे लेकर कई लोग कह रहे हैं कि किंग खान ने इस दौरान थूका है.
मुस्लिम धर्म में इस तरह की परंपरा है जब पहली बार अगर बच्चा स्कूल जाता है तो उसके लिए भी दुआ पढ़कर फूंका जाता है. लेकिन सोशल मीडिया पर शाहरुख खान का वीडियो वायरल करके गलत दावे किए गए. कई जगहों पर इस तरह की खबरें भी छापी गई.
पत्रकारिता जगत में काम करने वाली वरिष्ठ पत्रकार ने हमें बताया कि ऐसा करना बेहद आम हैं. वो कहती हैं, 'जो शाहरुख ने किया उसे इस्लाम में हमारी तरफ़ पढ़कर फूंकना कहते हैं. बेहद आम तरीक़ा होता है ये अपनी दुआएं सामने वाले तक पहुँचाने का. बड़े-बूढ़ों को लगता है कि इस तरह पढ़ कर फूंकने से या फिर सीने पर मल देने से आप पर अल्लाह की रहमत बनी रहती है . जब भी स्कूल की ऑटो हमें दरवाज़े पर सुबह लेने आती थी तो दादी बाहर दालान में ही बैठी इंतेज़ार कर रही होती थी कि कब ये बच्चे निकलेंगे और कब हम बच्चों को दरूद पढ़ कर फूंकेंगे. ये जनाज़े की दुआ में भी किया जाता है ताकि मरने वाले तक दुआ पहुंचे और जीवित लोगों के लिए भी किया जाता है.'
उन्होंने कहा, 'शाहरुख ने जब ऐसा किया तो उसमें कोई नई बात तो नहीं थी मगर कई लोगों को ऐसा लगा कि उसने पढ़ कर थूका है. ये कुछ नहीं बस हर चीज़ में गंदगी देखने और सोचने वाले ही ऐसी सोच रख सकते हैं . मुझे तो समझ नहीं आ रहा कि लोग भी साकिर-गवाही क्यों कर रहे हैं कि न भई ऐसा होता है वैसा होता है. अरे जिसे दरूद फूंकना थूकना लगे, उसकी सोच में ही खोट है और आप ऐसी सोच का कुछ नहीं कर सकते, वो कल को किसी और चीज़ में नुक़्स-नफ़स निकाल लेंगे.'