डिजिटल टीचिंग-लर्निंग भविष्य की जरूरत: इंजीनियर ईशा वर्मा
गिरीश सैनी Report

रोहतक। डिजिटल टीचिंग-लर्निंग भविष्य की जरूरत है। कोरोना काल के बाद डिजिटल टीचिंग-लर्निंग का महत्त्व बढ़ा है। शिक्षक वर्ग को भविष्य की इस शिक्षण पद्धति को अपनाने के लिए टैक्नोलोजी एनेब्लड लर्निंग के साथ जुड़ने की जरूरत है। यह कहना है एमडीयू के यूआईईटी की सहायक प्रोफेसर इंजीनियर ईशा वर्मा का। वह वीरवार को यूनिवर्सिटी कैंपस स्कूल में डिजिटल अवैयरनेस इन टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस विषय पर विशेष व्याख्यान दे रही थी। इंजीनियर ईशा वर्मा ने डिजिटल टीचिंग-लर्निंग के फायदों के साथ-साथ इससे जुड़ी चुनौतियों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण में नई तकनीकों को अपनाना और उनके बारे में अपडेट रहना होगा। तकनीकी रूप से शिक्षण प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने से ऑनलाइन कक्षा सत्रों की सफल डिलीवरी हो सकेगी। उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े महत्त्वपूर्ण की-प्वाइंट भी सांझा किए। इंजीनियर ईशा वर्मा ने कैंपस स्कूल के शिक्षकों से आईसीटी टूल्ज में महारत हासिल करने तथा टैक्नोलोजी सेवी बनने का आह्वान किया। ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए उपलब्ध विभिन्न प्लेटफॉर्म्स की व्यावहारिक जानकारी देने के बाद उन्होंने शिक्षकों के डिजिटल टीचिंग-लर्निंग से संबंधित प्रश्रों के उत्तर भी दिए। इस कार्यक्रम के प्रारंभ में यूनिवर्सिटी कैंपस स्कूल की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने स्वागत भाषण दिया तथा डिजिटल टीचिंग-लर्निंग की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर कैंपस स्कूल के शिक्षक मौजूद रहे।