समाज में लैंगिक समता के लिए लाना होगा लोगों को अपनी सोच में सकारात्मक बदलावःप्रो. पुष्पा दहिया
Girish Saini Reports

रोहतक। सभ्य समाज के विकास के लिए लैंगिक समानता होना जरूरी है। समाज में लैंगिक समता की स्थापना के लिए लोगों को अपनी सोच में सकारात्मक बदलाव लाना होगा। यह बात मदवि के महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक प्रो. पुष्पा दहिया ने बुधवार को महारानी किशोरी जाट कन्या महाविद्यालय में लैंगिक संवेदीकरण विषय पर आयोजित कार्यशाला में कही। इस कार्यशाला का आयोजन एमडीयू के महिला अध्ययन केंद्र द्वारा किया गया। छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रो. पुष्पा दहिया ने कहा कि सिर्फ चर्चा करने से समाज में लैंगिक समता स्थापित नहीं होगी। इसके लिए समाज में औरत को आदमी के बराबर का दर्जा भी देना होगा। औरतों को पुरूषों की तरह समान सम्मान देना होगा एवं आगे बढ़ने के समान अवसर उपलब्ध करवाने होंगे। उन्होंने लैंगिक संवेदीकरण के लिए समाज में जागरूकता की अलख जगाने की जरूरत पर बल देने की बात कही। प्रो. पुष्पा दहिया ने छात्राओं से अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होने तथा इस बारे समाज को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर सीएमबीटी की निदेशक डॉ. अमिता सुनेजा ने कहा कि नारी विकास का रास्ता शिक्षा से प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि समाज को संविधान में औरतों को दिए गए समान अधिकार एवं सम्मान को स्वीकार करना होगा। शोधार्थी अस्मिता तथा प्रीति ने इस कार्यक्रम के संचालन-समन्वयन में सहयोग दिया। इस कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों की लगभग 80 छात्राओं ने भाग लिया। इस दौरान स्लोगन राइटिंग, पोस्टर मेकिंग एवं स्किट आदि प्रतियोगिताओं को आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। प्रो. पुष्पा दहिया ने बताया कि स्लोगन राइटिंग में अराध्या प्रथम, हिमांशी दूसरे तथा मुस्कान व रीना तीसरे स्थान पर रहे। पोस्टर मेकिंग में पूजा देवी ने प्रथम, अंशु ने दूसरा तथा संगीता ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। स्किट में गौड़ ब्राहण कॉलेज की टीम प्रथम, एमकेजेके की टीम दूसरे तथा पं. एनआरएस कॉलेज की टीम तीसरे स्थान पर रही। सांत्वना पुरस्कार सीआर कॉलेज ऑफ एजुकेशन की टीम ने प्राप्त किया।