नए वित्तीय वर्ष से गोल्ड हॉल मार्किंग अनिवार्य..विनोद माहेश्वरी
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लखनऊ। गोल्ड हॉल मार्किंग आज से अनिवार्य हो गई है। जूलरी बेचने के लिए 6 अंकों वाला अल्फा न्यूमेरिक हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) अनिवार्य हो गया है। इस विषय पर ऑल इंडिया जूलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के विनोद माहेश्वरी ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) केयर ऐप पर जूलरी का वजन प्रदर्शित किए जाने की मांग स्वीकार की गई है। आज से एचयूआईडी पूरी तरह अनिवार्य हो गया है। पुरानी सभी हॉलमार्किंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बीआईएस केवल उन जूलर्स को 90 दिन का समय देगा, जिन्होंने 1 JULY 2021 को बीआईएस द्वारा भेजा गया ऑल्ड हॉलमार्क स्टॉक (4 मार्क) डिक्लेरेशन फॉर्म भर कर भेजा है। केवल वे जूलर्स पुरानी मोहर के बचे हुए स्टॉक को बिक्री एवं प्रदर्शित कर पाएंगे। ओल्ड हॉल मार्क जूलरी पर 4 मार्क को बिना हटाये किए एचयूआईडी की मांग भी स्वीकार की गई है। आज से फिजिकल गोल्ड बगैर हॉलमार्क के नहीं मिलेगा। कोई भी दुकानदार बिना हॉलमार्क का सोना नहीं बेच पाएगा। पंकज ने बताया कि सरकार के फैसले से ट्रांसपेरेंसी आएगी। देश के 288 जिलों में अनिवार्य हॉलमार्किंग स्कीम वर्तमान में लागू हैं जहा अब बिना हॉल मार्क के जूलरी बेचना गैर कानूनी होगा। बीआईएस के मानकों के हिसाब से सोने में हॉलमार्किंग जरूरी है। अगर किसी जूलरी में हॉलमार्किंग है, तो इसका मतलब कि वो शुद्ध है। कैरेट और शुद्धता के अनुसार हॉलमार्किंग के निशान डाले जाते हैं। जैसे 22K916 (91.6 फीसदी शुद्धता वाला 22 कैरेट सोना), 18K750 (75 फीसदी शुद्धता वाला 18 कैरेट सोना) आदि। ऐसे में बदलते व्यापारिक परिवेश मैं सरकार का यह कदम ग्राहक हित के लिए लिया गया है।