Rajya Sabha Election : उदयपुर में आज से कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी, मुख्यमंत्री आवास से होंगे सभी रवाना
राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही हलचल बढ़ गई है।

दोनों पार्टियां अपने विधायकों की बाड़ाबंदी करने जा रही है। कांग्रेस के वर्कशॉप के समापन के बाद गुरुवार की ही विधायकों को उदयपुर स्थित होटल ताज अरावली के लिए रवाना किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के दो दिवसीय वर्कशॉप के समापन के बाद मुख्यमंत्री गहलोत के आवास पर लंच दिया जाएगा। यहीं से विधायकों को उदयपुर रवाना कर दिया जाएगा। इससे पहले ही होटल ताज अरावली को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। कांग्रेस किसी भी कीमत पर राज्यसभा चुनाव में फेल नहीं होना चाहती है। तीसरे सीट के लिए निर्दलीय पर आस टिकी है। ऐसे में निर्दलीयों पर खास नजर रखी जा रही है। बता दें कि सीएम गहलोत ने राज्यसभा चुनाव को लेकर मीटिंग बुलाई थी। जिसमें तीन निर्दलीय विधायक नहीं पहुंचे। इस गैरमौजूदगी से विरोधी खेमे का उत्साह बढ़ गया। दूसरी ओर कांग्रेस में हलचल में मच गई लेकिन इन तीनों के उदयपुर पहुंचने के साथ ही सभी कयासों पर ब्रेक लग गया है। गहलोत सरकार कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं दिख रही है। ऐसे में अजमेर के किशनगढ़ के निर्दलीय विधायक सुरेश टांक के घर के बाहर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई। अजमेर एसपी के निर्देश के बाद ऐसा किया गया। अचानक विधायक आवास पर बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था सियासी गलियारों में चर्चा का सबब बन गई। सूत्रों की मानें तो ये टांक और सुभाष चंद्रा के अच्छे संबंधों की खबरों के बीच अलर्ट के तौर पर उठाया गया कदम था। जयपुर से किशनगढ़ लौटते समय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से हाइवे पर विधायक सुरेश टांक की करीब एक घंटे चर्चा हुई। इसके बाद कांग्रेस सरकार सतर्क हो गई और ये भी विधायक के आवास की सुरक्षा बढ़ाने का एक कारण माना जा रहा है। वहीं बुधवार को दूदू विधायक बाबूलाल नागर और मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीर सिंह जोजावर किशनगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने निर्दलीय विधायक सुरेश टांक से चर्चा की। फिर तीनों विधायक सड़क मार्ग से एक ही गाड़ी में उदयपुर के लिए रवाना हो गए। सूत्रों की माने तो विधायक सुरेश टांक कांग्रेस के साथ है। यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत खुद एक निर्दलीय विधायक के संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री ने विधायक ओम प्रकाश हुडला से भी 15 मिनट तक फोन पर बातचीत की है। इस सियासी संग्राम में अभी तक बीटीपी के दोनों विधायकों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बीटीपी विधायक आदिवासी को कांग्रेस से राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर नाराज चल रहे हैं। निर्दलीय बलजीत यादव, रमिला खड़िया भी अब तक नहीं माने हैं। ऐसे में कांग्रेस नाराज चल रहे विधायकों को मनाने में जुटी है।