बिजनौरः महिलाओं पर रंग भरे ग़ुब्बारे मारने का मामला, पुलिस जांच जारी

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बिजनौरः महिलाओं पर रंग भरे ग़ुब्बारे मारने का मामला, पुलिस जांच जारी

बिजनौर के धामपुर क़स्बे का होली के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जब ये वीडियो वायरल हो रहा था उसी दौरान देश की राजधानी दिल्ली में जापान की एक युवती के साथ भी होली के दौरान बदसलूकी का वीडियो भी चर्चा में था. बिजनौर के जिस वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है कि वो धामपुर शहर का है जिसमें होली खेल रहे युवाओं की टोली वहां से गुज़र रही बुर्क़ा पहने दो महिलाओं और एक बाइक पर सवार दो अन्य महिलाओं पर ग़ुब्बारे फेंकते हुए दिखते हैं. वीडियो के बैकग्राउंड में पोस्टर, भगत सिंह की मूर्ति और इमारतें दिखाई दे रही हैं. ये स्थान धामपुर के भगत सिंह चौक का बताया गया. गुरुवार से ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था. इस पर ट्विटर और फ़ेसबुक पर सैकड़ों लोग इस पर कमेंट्स कर रहे थे. आख़िर बिजनौर पुलिस ने ट्विटर पर जानकारी दी कि थाना प्रभारी धामपुर व साइबर सेल को जांच कर आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिया गया है. इस बारे में एसपी पूर्वी धर्म सिंह मार्छाल ने बीबीसी से कहा, "देखिए अभी इस मामले में किसी भी तरह की कोई शिकायत हमें नहीं मिली है. अगर किसी ने इस बारे में कोई लिखित शिकायत दी तो उस पर कार्रवाई अवश्य की जाएगी. फिलहाल वायरल वीडियो में जो लोग दिख रहे हैं उनकी पहचान की कोशिशें की जा रही हैं. वीडियो में दिख रहे युवाओं की जानकारी की कोशिश की जा रही है." जनगणना 2011 के मुताबिक़ क़रीब 51,412 की आबादी वाला धामपुर शहर हिंदू बहुल इलाक़ा है. धामपुर शुगर मिल शहर को देश और दुनिया में इसकी अलग पहचान दिलाती है. शनिवार को जब हम धामपुर के भगत सिंह चौक पहुंचे तो यहां चहल-पहल सामान्य दिनों की तरह ही है. ये चौक धामपुर शहर का दिल कहलाती है जो मुख्य बाज़ार में स्थित है. भगत सिंह की मूर्ति के आसपास यहां चाट-पकौड़ी और जूस के ठेले लगते हैं भगत सिंह चौक के आसपास दुकान वालों और रेहड़ी लगाने वालों से हमने बातचीत की तो उनमें से अधिकांश स्थानों पर लोग इस बारे में ज़्यादा बोलने से बचते दिखे. हालांकि, कुछ लोगों ने इस पर बात भी की. साथ ही उन्होंने इस बात की भी तस्दीक़ भी की कि वीडियो इसी स्थान की है. 59 वर्षीय कमलकांत गुप्ता चौक के पास ही नवरत्न मिष्ठान भंडार के मालिक हैं. बीबीसी से उन्होंने कहा, "वीडियो मैंने ख़ुद तो नहीं देखा लेकिन कई लोगों ने मुझे इस घटना के बारे में बताया है. वैसे, रंग से परहेज़ करने वालों को इस दिन घरों से नहीं निकलना चाहिए. ये किसी ने बदतमीज़ी की है कि इस वीडियो को बनाया और उसे वायरल कर दिया. ये राजनीति से भी प्रेरित हो सकता है." पास में ही साड़ियों की दुकान चला रहे मुकेश मित्तल को वीडियो के बारे में तो पता है लेकिन ये सब किसने किया इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. वे कहते हैं, "होली का हुड़दंग करने वालों में शरारती भी होते हैं जो भी यहां से गुज़रा होगा उन्होंने उस पर रंग डाल दिया गया होगा. ये लोग कौन थे, हमें इस बारे में नहीं मालूम. यहां तो चारों तरफ से आकर लोग होली खेलते हैं." एक अन्य दुकानदार मनोज कात्यायन कहते हैं कि धामपुर में हिंदू-मुस्लिम सभी आपसी सौहार्द के साथ हर वर्ष होली मनाते हैं. वो कहते हैं, "वीडियो के बारे में हमने भी सुना है, लेकिन इन दिनों में किसी को यहां से निकलना नहीं चाहिए, रंग डालने में किसी को बख़्शा नहीं जाता है." पास ही पंसारी की दुकान करने वाले विवेक अग्रवाल बीबीसी से कहते हैं, "हमने वो वीडियो देखा है, उसमें महिलाओं के ऊपर ग़ुब्बारे फेंकते हुए दिखाया गया है." "वीडियो में हिंदू महिलाओं पर भी रंग फेंकते हुए दिखाया गया है, ये घटना वास्तव में निंदनीय है." इलाक़े में काम करने वाली समाजसेवी डॉक्टर प्रीति विश्नोई ने कहा, "ये बात ठीक है कि होली रंगों का त्योहार है, लेकिन कोई भी महिला हो- चाहे वो बुर्क़े में हो या बिना बुर्क़े के- हमें उन पर रंग डालने से परहेज़ करना चाहिए. लोगों को सभ्यता के दायरे में रहना चाहिए." "कई लोगों को रंग से एलर्जी भी होती है. ये समझना चाहिए कि जो लोग होली नहीं खेलेते और इस दौरान बाहर निकलते हैं उनकी कुछ मजबूरी ही रही होगी." ज़िले की बीजेपी महिला नेता नीरजा सिंह कहती हैं, "होली पर हुड़दंग होना स्वाभाविक माना जाता है, ऐसे में कोई मजबूर बाहर निकले तो किसी को उसकी मजबूरी का क्या मालूम, लेकिन जब सवाल महिलाओं और बेटियों का आता है तो वहां एहतियात बरतना चाहिए." इस वीडियो की चर्चा जब तमाम जगह हो रही है तो शहर में आपसी सौहार्द क़ायम रखने के लिए भी कई हिंदू-मुस्लिम लोग यहां सक्रिय रहते हैं. शहर के इमाम मुफ़्ती मोहम्मद क़मर कहते हैं, "होली पर रंग का खेल को कई दिन पहले से ही शुरू हो जाता है. रंग डालने पर नाराज़गी दुरूस्त नहीं है, एक दूसरे के लिए प्यार-मोहब्बत का जज़्बा दिल में होना चाहिए. हालांकि, अगर कोई महिला या बच्चा रंग डालने से मना करे तो हम भी अपने विवेक का इस्तेमाल कर सकते हैं." डॉक्टर कमाल अहमद कहते हैं, "धामपुर की होली के बारे में सभी को मालूम है. घर से बाहर निकले और रंग पड़ जाए तो उसमें नाराज़गी न जताएं." वो कहते हैं, "हां, रंग डालने वालों को भी बच्चे, मरीज़ों, बूढ़ों और महिलाओं का ध्यान कर लेना चाहिए. सभी त्योहार प्यार बढ़ाने के लिए होते हैं." वहीं आदर्श होली हवन जुलूस के अध्यक्ष सनी छावड़ा ने कहा, "73 वर्षों से धामपुर की होली के दिन उत्सव मनाते आ रहे हैं." "हमारी होली का मुस्लिम भाई भी स्वागत करते हैं. ये घटना कब की है और क्या चल रहा है, मैं इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता. लेकिन मैं आपसे ये कह सकता हूं कि हम सभी को बस प्यार से मिलकर रहना चाहिए."