युवा पीढ़ी शहीदों को याद कर उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करेः मनीष ग्रोवर
Girish Saini Reports
रोहतक। वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को आयोजित विशेष कार्यक्रम में सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों के अनुकरणीय साहस की कहानी के बारे में बताते हुए सिख गुरु पुत्रों की शहादत को नमन किया गया। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में छात्र कल्याण कार्यालय, यूनिवर्सिटी कैंपस स्कूल तथा बाबा फतेह सिंह, बाबा जोरावर सिंह शहीद प्रदर्शनी ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा कि युवा पीढ़ी शहीदों को याद रखे और उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि गुरू गोबिंद सिंह के साहबजादों ने अपनी आस्था एवं धर्म की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिए थे। उनकी कुर्बानी के बारे में युवाओं को जानना चाहिए। उन्होंने युवाओं से राष्ट्र निर्माण में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देने का संकल्प धारण करने का आह्वान किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि जो देश अपने इतिहास पर गर्व महसूस नहीं करता, उनका अस्तित्व मिट जाता है। उन्होंने कहा कि सिख गुरूओं ने जोर-जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी और शहादत दी। गुरू गोबिंद सिंह के पुत्रों ने भी परिवार की इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया। उनके बलिदान को याद कर उनकी शहादत को नमन करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों तथा युवाओं में शहीदों के प्रति कृतज्ञता तथा देश के गौरवशाली इतिहास से स्वाभिमान पैदा करने की सोच के साथ सिख गुरु गोबिंद सिंह के बेटों जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह की शहादत को 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। कुलपति ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि बाल वीर दिवस देश के लोगों का जोड़ने का कार्य करेगा। उन्होंने प्रदेशभर में इस कार्यक्रम के सुचारू आयोजन के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का भी आभार जताया। मुख्य वक्ता अविनाश जयसवाल ने कहा कि गुरू गोबिंद के पुत्रों ने धर्म की रक्षा के लिए कुर्बानी दी। धर्म के लिए हंसते-हंसते कुर्बान हो गए। उन्होंने कहा कि सिख गुरु के पुत्रों की शहादत इतिहास का वो गौरवशाली पृष्ठ है जिसे शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने शहीद जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह के जीवन से जुड़े महत्त्वपूर्ण संस्मरणों को साझा करते हुए युवाओं से उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। एमडीयू की प्रथम महिला तथा हरियाणा वेलफेयर सोसायटी फॉर पर्सन्स विद स्पीच एंड हियरिंग इंपेयरमेंट, पंचकूला की चेयरपर्सन डॉ. शरणजीत कौर ने भी इस मौके पर सिख गुरुओं एवं उनके पुत्रों के बलिदानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. शरणजीत कौर ने शहादत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को शहीदों की कथाएं एवं गाथाएं याद रखने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान सुभाष आहूजा, गुरुद्वारा टिकाना साहिब के महंत सरदार दिलबाग सिंह, बाबा फतेह सिंह-बाबा जोरावर सिंह शहीद प्रदर्शनी ट्रस्ट के जिलाध्यक्ष सरदार मुकुन्द सिंह व महासचिव सरदार सुखविन्द्र सिंह तथा एडवोकेट बी.आर. अरोड़ा ने भी अपने संबोधन में सिख गुरु एवं उनके पुत्रों के बलिदान के बारे में बताया। इस दौरान संगत उद्घोष मासिक पत्रिका का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कैंपस स्कूल की निदेशक प्रो. सोनिया मलिक ने स्वागत भाषण देते हुए गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की जीवनी पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी ने कार्यक्रम का संचालन किया। डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. राजकुमार ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में कैंपस स्कूल के विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। इस मौके पर मेयर मनमोहन गोयल, डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. नवरतन शर्मा, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा, मंजुल पालीवाल, एमडीयू के विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी एवं गैर शिक्षक कर्मी, कैंपस स्कूल के शिक्षक एवं विद्यार्थी, नित्यानंद स्कूल के शिक्षक एवं विद्यार्थी तथा शहर के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।